Saturday, February 24, 2018

RAHU - THE NODE POINT

राहु
एक ग्रह के कई कारकत्व होते हैं और प्रत्येक कारकत्व के आधार पर उसके अलग अलग प्रभाव भी होते हैं इसी के आधार पर आज राहु ग्रह की बात करते हैं -
-राहु अव्यवस्था का प्रतीक है या ऐसा भी कह सकते हैं कि किसी व्यवस्था में विघ्न उत्पन्न करना भी राहु का ही काम है.
-नाड़ी ज्योतिष के अनुसार गुफा (CAVE) पर भी राहु का आधिपत्य है या ऐसा कहें की गुफा के समान संरचना पर भी राहु का ही अधिकार है.
राहु की स्थिति यदि लग्न में हो फिर चाहे लग्न में कोई भी राशि स्थित हो ,तो ऐसा राहु दांतों में किसी न किसी प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न करता है , जैसे -
- दांत पर दांत चढ़ा होना .
- किसी दांत का आधा टूटा होना .
-दांतों पर लाल या काले रंग की परत का जमा होना .
- स्कर्वी रोग हो जाना .
- कीड़े पड़ने से दांतों का खोखला हो जाना इत्यादि .
कई बार ये स्थितियां जन्म से ही उपस्थित होती है जबकि कई बार ये प्रकृतिजन्य होती है , जैसे
-छोटी उम्र में गिरने पर दांत टूट जाना या दांत पर दांत का चढ़ जाना .
- चॉकलेट खाने से दांतों में कीड़े पड़ जाना .
- कई बार दांत की निरंतर सफाई न करने से भी दांतों पर कुछ दाग हमेशा के लिए जम जाते है तथा बदबू आती है .
जिन लोगों का अनुभव मैंने प्राप्त किया है उनमे से :- एक व्यक्ति जिसका मकर लग्न है तथा लग्न में शनि राहु स्थित है, के दांत की श्रृंखला टेढ़ी - मेढ़ी ( ZIG-ZAG ) है ,जिसके कारण पिछले दांतों की सफाई ठीक तरह से नहीं हो पाती और उन पर जमे हुए काले रंग की परत को आसानी से देखा जा सकता है .
दूसरी कुंडली में लग्न में केवल राहु ही स्थित है और जब मैंने पूछा कि दांतों में क्या रोग है तो बताया गया की स्कर्वी है .
अन्य अनुभवों के आधार पर कहा जा सकता है कि लग्न में स्थित राहु दन्तावली में किसी न किसी प्रकार की समस्या देता है .
अब यह समस्या किस लग्न के राहु में किस प्रकार की होगी तथा युति व दृष्टि से किस प्रकार प्रभावित होगी यह निरंतर अनुभव व शोध का विषय है .
ऐसा नहीं है कि लग्न के राहु का यही एक फल है ,अन्य फल भी होते हैं ,उनमें से यह भी एक है .


अन्य ज्योतिर्विदों के अनुभवों की अपेक्षा में आपका
श्रीराम

No comments:

Post a Comment