राशि चक्र की द्वितीय राशि वृषभ है जो शुक्र की ठंडक से परिपूर्ण शांत और स्थिर राशि है. इस राशि के जातक सहनशील और और निरंतर काम करने वाले तथा शक्ति होते हुए भी जंगली नहीं होते हैं , बल्कि अपनी शक्ति का सदुपयोग करना जानते हैं. इन्हें सामान्यतया उतावला होते हुए नहीं देखा जा सकता.
बालकों के विषय में बात की जाए तो ऐसे बालक जिनकी माताओं को अक्सर दूसरी महिलाएं यह कहते हुए पाई जाती है की तेरा बच्चा तो बहुत ही सयाना है एक बार कहीं पर बिठा दो तो बैठे बैठे ही खेलता रहता है और रोता भी नहीं है. सामान्यतया मुस्कुराने वाले और अपनी मुस्कुराहट से मन मोहने वाले यह बालक वृषभ के होते हैं. शुक्र की मुस्कुराहट सदैव इनके होठों पर रहती है और वृषभ की स्थिरता इनके एक जगह बैठने का कारण. माता इन्हें एक स्थान पर बिठाकर आसानी से अपना कार्य कर सकती हैं मोहल्ले के आयोजन में जब मेष राशि के बालकों द्वारा दो खंभों के बीच दौड़ का आयोजन होता है तो उस आयोजन में भाग न लेने वाले और एक स्थान पर बैठकर "चिड़िया उड़ - कबूतर उड़" के खेल खेलने वाले जातक वृषभ राशि के होते हैं. सामान्य रूप से यह ऐसा कोई कार्य नहीं करते जिसके लिए उन्हें डांट खानी पड़े लेकिन यदाकदा ऐसा होने पर यदि कोई इन्हें डांटता है तो ये बिल्कुल सौम्य बने रहते हैं.
ये व्यक्ति सदैव ही मेहनती होते हैं और मेहनत करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. वृषभ राशि का प्रतीक बैल है अतः बैल की सहनशीलता,शक्ति, सामर्थ्य, लगन यह सभी वृत्तियां इन लोगों में पाई जाती हैं. ये अपने विचार बिना डरे हुए सभी के सामने रखते हैं और अपने विचारों को बार-बार नहीं बदलते. हर किसी के मामले में टांग अड़ाने की इनकी आदत नहीं होती. ये व्यक्ति व्यवहारिक, भरोसा करने वाले और भरोसे के लायक तथा शांत ,धैर्यशील और स्नेह रखने वाले होते हैं . इनकी आत्मशक्ति बहुत ही दृढ़ होती है तथा इनकी सहनशक्ति भी असाधारण होती है. सौंदर्य, संगीत, कला इत्यादि से इन्हें बहुत लगाव होता है. ये लोग अधिक समय तक गुस्से में नहीं रह पाते क्योंकि इनका मूल स्वभाव ही प्रसन्न रहना होता है. इनका क्रोध बहुत ही भयंकर होता है किसी ज्वालामुखी के फटने समान,क्रोध आने पर ये कई तरह से नुकसान भी कर देते हैं और कई बार स्वयं का नुकसान भी कर लेते हैं.अतः प्रयास ये किया जाना चाहिए कि इन्हें गुस्सा ना आये. वृषभ राशि में भोजन पकाने का बागवानी का शौक भी पाया जाता है.
इनकी कद काठी के विषय में यदि बात की जाए तो मेरा ऐसा मानना है कि यदि शारीरिक कद काठी से ज्योतिषीय राशि को पहचानना हो तो सबसे आसानी से पहचान में आने वाले जातक वृषभ और तुला के ही होते हैं. इनका शरीर गोलाई लिए हुए चेहरा चौड़ा और चौकोर, गर्दन मोटी ,आंखें भूरे रंग और काले रंग की मिश्रित, कंधे बड़े और मांसपेशियां काफी उन्नत होती है. इन्हें देख कर आसानी से यह पता लगाया जा सकता है कि यह जातक वृषभ या तुला के हैं, लेकिन वृषभ और तुला में अंतर स्पष्ट पता करने के लिए काफी अनुभव की आवश्यकता होती है,
जब धैर्य का उदाहरण देना हो तो लोग वृषभ वाले व्यक्तियों का उदाहरण दिया करते हैं अतः ये लोग दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत भी होते है. इनकी इच्छा शक्ति बहुत ही प्रबल होती है और धन पर सदैव इनकी पैनी निगाह बनी रहती है. ये लोग उत्सव धर्मी होते हैं तथा विभिन्न उत्सव में भोजन का विशेष रूप से मिठाई का पूर्ण आनंद उठाते हैं. ग्रहणशील होना इन की सबसे बड़ी विशेषता है, ये पने दोस्तों के लिए व परिवार के लिए सदैव समर्थन का वातावरण बनाए रखते हैं अतः इन सभी का विश्वास जीतने में सफल रहते हैं. प्राकृतिक सुंदरता को देखकर ये सदैव ही प्रफुल्लित होते हैं. निरर्थक बातें नहीं करते तथा अपने अंतर्ज्ञान और ज्ञान से अनुभूत बातें ही साझा करते हैं तथा अपने विचारों पर अडिग रहते हैं. यह श्रेष्ठ दीर्घकालिक योजनाएं बनाते हैं और उन पर अमल भी करते हैंतथा आलोचना के उपरांत भी अपनी योजना के कार्यान्वयन में लगे रहते हैं और लंबे संघर्ष के बाद सफल होने पर विजय का उत्सव भी मनाते हैं.
जिन लोगों को ये चाहते हैं उनके प्रति सदैव ही निष्कपट होते हैं. सत्य और ईमानदारी सदैव आपकी सफलता का मूलमंत्र होता हैतथा आपके द्वारा की गई आलोचना सच्ची होती है और सच्ची आलोचना करने से आप घबराते नहींहैं . धैर्य, त्याग और स्वीकार्यता क्या है यह उदाहरण आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं.
किसी न किसी प्रकार की कला से इन्हें विशेष प्रेम होता है. धनोपार्जन से यह कभी भी सकुचाते नहीं है और इनकी दृढ मान्यता होती है कि "जल्दी का काम शैतान का". क्रोधित होने पर कई बारी है प्रचंड रूप धारण कर लेते हैं तथा भयंकर भी हो जाते हैं अतः इन लोगों को अपने इस स्वभाव पर नियंत्रण करना सीखना चाहिए.इन लोगों में ऊर्जा की सदैव प्रचुरता होती है. ये लोग शारीरिक असमर्थता को स्वीकार नहीं कर सकते और रोगों को प्रकट किए बिना लंबे समय तक साधारण जीवन यापन करते रहते हैं. इनकी आरोग्य शक्तियां संतुष्टि जनक नहीं होती अतः रोग होने पर लंबे समय के बाद ही रोग मुक्ति संभव हो पाती है.
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वृषभ राशि कंठ को सूचित करती है शुभ प्रभाव होने पर ये लोग गायक हो सकते हैं तथा अशुभ प्रभाव होने पर कंठ से जुड़ी समस्याओं का समस्याओं का शिकार भी हो सकते हैं. भचक्र की द्वितीय राशि वृषभ को कोषागार की राशि कहा गया है अतः इन लोगों में धन को इकट्ठा करने की प्रवृत्ति पाई जाती है चाहे वह रकम छोटी हो या बड़ी इन लोगों के द्वारा संचित अवश्य की जाती है तथा खर्च होने की स्थिति आने पर भी यह उस धन का कुछ अंश सदैव बचा कर रखते हैं क्योंकि यह आर्थिक संकटों का सामना नहीं करना चाहते अतः कभी भी अनावश्यक खर्च नहीं करते. विशेष रूप से कहा जाए तो "ये लोग किसी के लिए हानिकारक नहीं होते."
बालकों के विषय में बात की जाए तो ऐसे बालक जिनकी माताओं को अक्सर दूसरी महिलाएं यह कहते हुए पाई जाती है की तेरा बच्चा तो बहुत ही सयाना है एक बार कहीं पर बिठा दो तो बैठे बैठे ही खेलता रहता है और रोता भी नहीं है. सामान्यतया मुस्कुराने वाले और अपनी मुस्कुराहट से मन मोहने वाले यह बालक वृषभ के होते हैं. शुक्र की मुस्कुराहट सदैव इनके होठों पर रहती है और वृषभ की स्थिरता इनके एक जगह बैठने का कारण. माता इन्हें एक स्थान पर बिठाकर आसानी से अपना कार्य कर सकती हैं मोहल्ले के आयोजन में जब मेष राशि के बालकों द्वारा दो खंभों के बीच दौड़ का आयोजन होता है तो उस आयोजन में भाग न लेने वाले और एक स्थान पर बैठकर "चिड़िया उड़ - कबूतर उड़" के खेल खेलने वाले जातक वृषभ राशि के होते हैं. सामान्य रूप से यह ऐसा कोई कार्य नहीं करते जिसके लिए उन्हें डांट खानी पड़े लेकिन यदाकदा ऐसा होने पर यदि कोई इन्हें डांटता है तो ये बिल्कुल सौम्य बने रहते हैं.
ये व्यक्ति सदैव ही मेहनती होते हैं और मेहनत करने में कोई कसर नहीं छोड़ते. वृषभ राशि का प्रतीक बैल है अतः बैल की सहनशीलता,शक्ति, सामर्थ्य, लगन यह सभी वृत्तियां इन लोगों में पाई जाती हैं. ये अपने विचार बिना डरे हुए सभी के सामने रखते हैं और अपने विचारों को बार-बार नहीं बदलते. हर किसी के मामले में टांग अड़ाने की इनकी आदत नहीं होती. ये व्यक्ति व्यवहारिक, भरोसा करने वाले और भरोसे के लायक तथा शांत ,धैर्यशील और स्नेह रखने वाले होते हैं . इनकी आत्मशक्ति बहुत ही दृढ़ होती है तथा इनकी सहनशक्ति भी असाधारण होती है. सौंदर्य, संगीत, कला इत्यादि से इन्हें बहुत लगाव होता है. ये लोग अधिक समय तक गुस्से में नहीं रह पाते क्योंकि इनका मूल स्वभाव ही प्रसन्न रहना होता है. इनका क्रोध बहुत ही भयंकर होता है किसी ज्वालामुखी के फटने समान,क्रोध आने पर ये कई तरह से नुकसान भी कर देते हैं और कई बार स्वयं का नुकसान भी कर लेते हैं.अतः प्रयास ये किया जाना चाहिए कि इन्हें गुस्सा ना आये. वृषभ राशि में भोजन पकाने का बागवानी का शौक भी पाया जाता है.
इनकी कद काठी के विषय में यदि बात की जाए तो मेरा ऐसा मानना है कि यदि शारीरिक कद काठी से ज्योतिषीय राशि को पहचानना हो तो सबसे आसानी से पहचान में आने वाले जातक वृषभ और तुला के ही होते हैं. इनका शरीर गोलाई लिए हुए चेहरा चौड़ा और चौकोर, गर्दन मोटी ,आंखें भूरे रंग और काले रंग की मिश्रित, कंधे बड़े और मांसपेशियां काफी उन्नत होती है. इन्हें देख कर आसानी से यह पता लगाया जा सकता है कि यह जातक वृषभ या तुला के हैं, लेकिन वृषभ और तुला में अंतर स्पष्ट पता करने के लिए काफी अनुभव की आवश्यकता होती है,
जब धैर्य का उदाहरण देना हो तो लोग वृषभ वाले व्यक्तियों का उदाहरण दिया करते हैं अतः ये लोग दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत भी होते है. इनकी इच्छा शक्ति बहुत ही प्रबल होती है और धन पर सदैव इनकी पैनी निगाह बनी रहती है. ये लोग उत्सव धर्मी होते हैं तथा विभिन्न उत्सव में भोजन का विशेष रूप से मिठाई का पूर्ण आनंद उठाते हैं. ग्रहणशील होना इन की सबसे बड़ी विशेषता है, ये पने दोस्तों के लिए व परिवार के लिए सदैव समर्थन का वातावरण बनाए रखते हैं अतः इन सभी का विश्वास जीतने में सफल रहते हैं. प्राकृतिक सुंदरता को देखकर ये सदैव ही प्रफुल्लित होते हैं. निरर्थक बातें नहीं करते तथा अपने अंतर्ज्ञान और ज्ञान से अनुभूत बातें ही साझा करते हैं तथा अपने विचारों पर अडिग रहते हैं. यह श्रेष्ठ दीर्घकालिक योजनाएं बनाते हैं और उन पर अमल भी करते हैंतथा आलोचना के उपरांत भी अपनी योजना के कार्यान्वयन में लगे रहते हैं और लंबे संघर्ष के बाद सफल होने पर विजय का उत्सव भी मनाते हैं.
जिन लोगों को ये चाहते हैं उनके प्रति सदैव ही निष्कपट होते हैं. सत्य और ईमानदारी सदैव आपकी सफलता का मूलमंत्र होता हैतथा आपके द्वारा की गई आलोचना सच्ची होती है और सच्ची आलोचना करने से आप घबराते नहींहैं . धैर्य, त्याग और स्वीकार्यता क्या है यह उदाहरण आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं.
किसी न किसी प्रकार की कला से इन्हें विशेष प्रेम होता है. धनोपार्जन से यह कभी भी सकुचाते नहीं है और इनकी दृढ मान्यता होती है कि "जल्दी का काम शैतान का". क्रोधित होने पर कई बारी है प्रचंड रूप धारण कर लेते हैं तथा भयंकर भी हो जाते हैं अतः इन लोगों को अपने इस स्वभाव पर नियंत्रण करना सीखना चाहिए.इन लोगों में ऊर्जा की सदैव प्रचुरता होती है. ये लोग शारीरिक असमर्थता को स्वीकार नहीं कर सकते और रोगों को प्रकट किए बिना लंबे समय तक साधारण जीवन यापन करते रहते हैं. इनकी आरोग्य शक्तियां संतुष्टि जनक नहीं होती अतः रोग होने पर लंबे समय के बाद ही रोग मुक्ति संभव हो पाती है.
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वृषभ राशि कंठ को सूचित करती है शुभ प्रभाव होने पर ये लोग गायक हो सकते हैं तथा अशुभ प्रभाव होने पर कंठ से जुड़ी समस्याओं का समस्याओं का शिकार भी हो सकते हैं. भचक्र की द्वितीय राशि वृषभ को कोषागार की राशि कहा गया है अतः इन लोगों में धन को इकट्ठा करने की प्रवृत्ति पाई जाती है चाहे वह रकम छोटी हो या बड़ी इन लोगों के द्वारा संचित अवश्य की जाती है तथा खर्च होने की स्थिति आने पर भी यह उस धन का कुछ अंश सदैव बचा कर रखते हैं क्योंकि यह आर्थिक संकटों का सामना नहीं करना चाहते अतः कभी भी अनावश्यक खर्च नहीं करते. विशेष रूप से कहा जाए तो "ये लोग किसी के लिए हानिकारक नहीं होते."
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