Monday, January 9, 2012

3.कृतिका


नक्षत्र:कृतिका

कृतिका नक्षत्र या सात बहने                                  3.कृतिका
कृतिका नक्षत्र में छः तारे मिलकर खुरपे या फरसे की आकृति का निर्माण करते हैं!वैदिक साहित्य में कृतिका नक्षत्र में सात तारे माने गए है!तैत्तिरीय ब्राह्मण में कृतिका नक्षत्र में सात आहुतियों का प्रावधान है!इस नक्षत्र पर अग्निदेव का स्वामित्व है!ग्रहों में सूर्य इस नक्षत्र का अधिष्ठाता है!कृतिका नक्षत्र दो तरह का माना जा सकता है,पहला भाग जो मंगल की मेष राशि के अंतर्गत आता है और दूसरा जो शुक्र की वृषभ राशि के अंतर्गत आता है!यह मिश्र नक्षत्र है,इसमें लगभग सभी कार्य किये जा सकते हैं!कृतिका भी अधोमुख नक्षत्र है,अतः इसमें भी भरणी के समान अधोगमन वाले कार्य किये जा सकते हैं!कार्तिक मास में कृतिका नक्षत्र के दिन कोई भी शुभ या विशेष कार्य नहीं करना चाहिए क्योंकि यह शून्यसंज्ञक होता है!मंगलवार को कृतिका नक्षत्र सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण करता है,इस नक्षत्र से अमृतसिद्धि योग नहीं बनता!इस नक्षत्र के लिए गूलर के वृक्ष की पूजा की जाती है!कृतिका ब्राह्मण जाति का नक्षत्र है!यह स्त्री जाति का नक्षत्र है और काल पुरुष के शरीर में भौहों का आधिपत्य रखता है!इसका राशि स्वामी मंगल,योनी मेष,नदी अन्त्य और गण राक्षस का होता है!आँखें और कार्निया पर भी इसी नक्षत्र का नियंत्रण होता है!कंठ नली और निचले जबड़े पर इस नक्षत्र का स्वामित्व होता है!
कारकत्व:-सुनार,लुहार,अग्नि से सम्बंधित कार्य करने वाले,ज्वलनशील पदार्थों का कार्य,तेज़ाब,गैस,यज्ञ कार्य करने वाले,गुप्त धन से सम्बंधित,तिजोरी,सुरंग,सफ़ेद फूलों के पदार्थ,BEAUTY PARLOUR,भाषा शास्त्र,व्याकरणाचार्य,ज्योतिषी,श्मशान,खान के कार्मिक इत्यादि!
नक्षत्रफल:-कम खाने वाले(वृष में हो तो अधिक खाने वाले)तेजस्वी "जहां जाये छा जाये"दानी,विपरीत लिंग के बारे में बातचीत के शौक़ीन,अनुशासित,तुनक मिजाज और लगनशील होते हैं!धार्मिक,संस्कारी,धनी और स्वाध्याय करने वाले होते हैं!नक्षत्र पीड़ित हो तो परस्त्रीगामी होते हैं!
पदार्थ:-तिल,जौ,हीरेसोना,चांदी,ताम्बा,लोहा आदि धातु!समय (आठ मास)!
व्यक्ति:-अग्निपूजक,पारसी,कर्मकांडी,अग्नि से जीविकोपार्जन करने वाले,मन्त्रज्ञ,R.B.I. के अधिकारी,हजामत बनाने वाले(नाई),INCOME-TAX,SALES-TAX,SERVICE-TAX,पंचांग व कैलेंडर छापने वाले!
कृतिका नक्षत्र का वैदिक मंत्र:-अग्निमूर्धादिवः ककुत्पतिः पृथिव्यामयम्!अपा गुं रेता गुं सिजिंवतिः!! 
बीमारियाँ:-कील-मुंहासे,दृष्टि-दोष,गर्दन के रोग,गले में रोग,घुटने पर निशान!
मानसिक गुण:-दोस्तों के झुण्ड में रहने वाला,आदर सत्कार में कुशल,विलासी,सामाजिक,रचनात्मक प्रवृत्ति,सरकार व राज्य कर्मचारियों से लाभ!
व्यवसाय:-सरकारी विभागों से लाभ,ऋणग्रस्त भी हो सकता है!कलाकार,शिल्पी,दवा का काम,अंतर्राष्ट्रीय व्यापारी,फोटोग्राफी का काम करने वाला!TAX-COLLECTOR,केशों का काम,इत्र का व्यापार इत्यादि!

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